तुम
जो आई आज शहर में हो गई होली
फिर
से छाई नूर नज़र में हो गई होली ।
एक
नशीली हवा चली है गली-गली में
चढ़ी
है मस्ती कौन फिकर में हो गई होली ।
बिन
बारिश के इंद्रधनुष है दिशा-दिशा में
आज
फ़ज़ा है नये असर में हो गई होली ।
खुश
पलाश है बात खास है क्या कहना
रंग
चढ़ा है आज शज़र में हो गई होली ।
रंगीं
आलम देख रहा है वक़्त की रंगअंदाज़ी
शाम
घुल गई आज सहर में हो गई होली ।
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