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Saturday 10 November 2012

कविता क्या है ?


कविता हृदय की अनुपम भाषा है,
कविता हृदय की अभिनव आशा है,
कविता जीवन की परिभाषा है।

कविता निर्मल-नव-प्रभात है,
कविता रात अंधेरी भी है,
कविता लाल महावर जैसी
कविता जुल्फ घनेरी भी है,
कविता मीठा कलरव है पर
कविता यह रणभेरी भी है।

कविता किसान की लहलहाती फसल है,
कविता कल्पना के सरोवर का एक सुंदर कमल है,
कविता दिल को सहलाने वाली बहुत मीठी ग़ज़ल है।

कविता मन के मरुद्यान की मृग-मरीचिका है,
कविता अंधेरे सूने मन की जलती दीपिका है,
कविता एक कवि की सच्ची प्रेमिका है।

कविता गर्मी की छुट्टियों का सैर-सपाटा है,
कविता अंतरतम का नित्य ज्वार-भाटा है,
कविता मरघट का सन्नाटा है।

कविता शब्द और संवेदना का योग है,
कविता सृजन के रूप मे दैविक संयोग है,
कविता अपने प्रियतम से अंतहीन वियोग है।

कविता नित्यक्रुद्ध कष्टकारी क्रूर काल है,
कविता सुख-दुख का बना हुआ महाजाल है,
कविता मृत्यु-जन्म-चक्र का अंतराल है।

कविता ओस से भीगी हुई फुनगियों की थिरकन है,
कविता पतझड़ के पत्ते का धीमा सा सिहरन है,
कविता जीने के बाद बची थोड़ी सी धड़कन है।